'अगर अमेरिका परमाणु समझौते से हटता है तो ईरान भी इसका हिस्सा नहीं रहेगा' - 48by7news

48by7news

48by7news, All India News available on this site, Current News, Latest news, everyday news, Amarujala, Fox, NYT, Zee News, NDTV News,

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Thursday 3 May 2018

'अगर अमेरिका परमाणु समझौते से हटता है तो ईरान भी इसका हिस्सा नहीं रहेगा'

[ad_1]

तेहरान: ईरान के शीर्ष नेता आयतुल्ला अली खामेनी के वरिष्ठ सलाहकार ने कहा है कि अगर अमेरिका परमाणु समझौते से हटने का फैसला करता है, तो ईरान भी विश्व शक्तियों के साथ हुए इस समझौते का हिस्सा नहीं रहेगा. सरकारी टेलीविजन वेबसाइट ने ईरान के विदेश नीति सलाहकार अली अकबर विलायती के हवाले से बताया, ‘‘अगर अमेरिका परमाणु समझौते से हटता है तो हम भी इस समझौते में नहीं बने रहेंगे.’’ ईरान ने परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाने को लेकर वर्ष 2015 में अमेरिका एवं पांच विश्वशक्तियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके बदले में उसे प्रतिबंधों से राहत मिली थी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस समझौते को ‘‘बेकार’’ बताते हुए इससे हटने की धमकी दी है. 12 मई को इस समझौते का नवीकरण होना है.


ब्रिटेन में ईरान के दूत ने परमाणु समझौता रद्द करने की चेतावनी दी
इससे पहले ब्रिटेन में ईरान के दूत ने कहा था कि अमेरिका के परमाणु समझौते से पीछे हटने की सूरत में ईरान भी इससे बाहर होने पर विचार कर सकता है. ब्रिटेन में ईरान के शीर्ष राजदूत हामिद बेदिनेजाद ने 3 मई को प्रसारित हुए एक साक्षात्कार में यह बात कही थी. हामिद ने कहा कि अगर अमेरिका 2015 में हुए इस समझौते से पीछे हटता है तो ईरान भी “अपनी पिछली स्थिति में लौटने के लिए तैयार है.” 


सीएनएन के साथ साक्षात्कार में ईरान के दूत ने कहा, “जब अमेरिका इस समझौते से बाहर हो जाएगा तो इसका मतलब होगा कि कोई समझौता बचा ही नहीं.” उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए होगा क्योंकि एक महत्त्वपूर्ण पक्ष ने संधि को निरस्त किया है और साफ तौर पर इसका उल्लंघन किया है.’’


ईरान समझौते से पीछे नहीं हटे अमेरिका : संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ईरान समझौते से पीछे नहीं हटने का आग्रह किया है. गुटेरेस ने बीबीसी को बताया कि यदि 2015 के ईरान समझौते को संरक्षित नहीं किया गया तो युद्ध का जोखिम है. ट्रंप इस समझौते के मुखर आलोचक रहे हैं. इस समझौते के तहत ईरान खुद पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम बंद करने पर सहमत हो गया था.


गुटेरेस ने बीबीसी को बताया कि ईरान समझौता एक महत्वपूर्ण राजनयिक जीत है और इसे बनाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें इसे तब तक बंद नहीं करना चाहिए, जब तक इसका कोई अन्य बेहतर विकल्प नहीं मिल जाता. हमने खतरनाक दौर में हैं." इजरायल ने हाल ही में खुफिया परमाणु दस्तावेजों का खुलासा कर ईरान पर दुनिया की नजरों से छिपकर अपने परमाणु कार्यक्रमों को जारी रखने का आरोप लगाया था.




[ad_2]

Source link

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here