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Wednesday 2 May 2018

Telecom Sector To Have 40 Lakhs New Job, 100 Billion Dollar To Be Invested - टेलीकॉम क्षेत्र में निकलेंगी 40 लाख नौकरियां, 100 अरब डॉलर के निवेश पर है नजर

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राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 के नाम से जारी नई दूरसंचार नीति के मसौदे में केंद्र सरकार ने वर्ष-2022 तक टेलीकॉम क्षेत्र में 40 लाख नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा है। नीति के मसौदे में देश के हर नागरिक को 50 एमबीपीएस ब्रॉडबैंड सेवा मुहैया कराने और इस क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है।

होगी लाइसेंस, स्पेक्ट्रम फीस की समीक्षा
दूरसंचार मंत्रालय द्वारा जारी की गई नीति के मसौदे में कर्ज के बोझ से दबे दूरसंचार क्षेत्र को उबारने की भी प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके लिए दूरसंचार कंपनियों की लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क, सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष के शुल्क की समीक्षा की जाएगी, क्योंकि इन सभी शुल्कों के चलते दूरसंचार सेवा की लागत बढ़ती है। साथ ही नई नीति के मसौदे में क्षेत्र में कारोबार सुगमता पर भी जोर दिया गया है। 

मिलेगी 50 एमबीपीएस की स्पीड
मसौदे के मुताबिक, हर नागरिक को 50 एमबीपीएस की ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने और 2020 तक देश के सभी ग्राम पंचायतों को एक जीबीपीएस तथा इसी अंतराल में 10 जीबीपीएस ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा गया है। मसौदे के अनुसार, देश के विकास के लिए नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के माध्यम से गति देने के लिए क्षेत्र में 2022 तक 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया जाएगा।


सरकार की इस नीति का मकसद 5जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और मशीन टू मशीन कम्यूनिकेशन है। इस नीति के जरिये राज्यों, केंद्रीय एजेंसियों, दूर संचार सेवा प्रदाता कंपनियों और स्टार्टअप को पता चल सकेगा कि अगले कुछ सालों में सरकार क्या कदम उठाने जा रही है।

नए मसौदे में स्थापित किए गए लक्ष्यों में वैश्विक मूल्य शृंखलाओं में भारत का योगदान बढ़ाना, नवाचार का निर्माण, डिजिटल संचार क्षेत्र में स्टार्ट-अप को बढ़ाना शामिल है। साथ ही भारत में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त आईपीआर का निर्माण, क्षेत्र में मानक आवश्यक पेटेंट का विकास, डिजिटल संचार प्रौद्योगिकी, नए आयु कौशल के निर्माण के लिए 10 लाख लोगों को प्रशिक्षण और पुन: कौशल, आईओटी पारिस्थितिक तंत्र का विस्तार 5 करोड़ संबंधित उपकरणों तक बढ़ाना और चौथे मानक के उद्योग को तेज करना शामिल है।
 
स्पेक्ट्रम उपयोग को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने कहा कि नई दूरसंचार नीति का मकसद डिजिटल संचार नेटवर्क की परिवर्तनीय शक्ति की बाधाओं को हटाना है। मसौदे में कहा गया है कि भारत के सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए स्पेक्ट्रम एक प्रमुख प्राकृतिक संसाधन है।

इसके कारण प्रमुख रणनीतियों में नए ब्रॉडबैंड युग के लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराने और उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है। स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण पर इसमें कहा गया है कि डिजिटल संचार के लिए टिकाऊ और किफायती पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्पेक्ट्रम का इष्टतम मूल्य होना चाहिए। वायरलेस फ्रीक्वेंसी आवंटन पर वायरलेस योजना और समन्वय (डब्ल्यूपीसी) के अलावा स्थायी सलाहकार समिति हो, ताकि अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल बने।

शुल्क कटौती से बढ़ेगा निवेश: सीओएआई
दूरसंचार क्षेत्र में लगने वाले शुल्क को घटाकर 10 फीसदी से नीचे लाना तथा प्रस्तावित नई दूरसंचार नीति का तेजी से क्रियान्वयन क्षेत्र में 100 अरब डॉलर के निवेश को आकर्षित करने की दिशा में अहम साबित होगा।

सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बुधवार को यह बात कही। नई दूरसंचार नीति में 100 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार देर शाम नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशंस पॉलिसी 2018 के नाम से नई राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (एनटीपी) का मसौदा जारी किया।



राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 के नाम से जारी नई दूरसंचार नीति के मसौदे में केंद्र सरकार ने वर्ष-2022 तक टेलीकॉम क्षेत्र में 40 लाख नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा है। नीति के मसौदे में देश के हर नागरिक को 50 एमबीपीएस ब्रॉडबैंड सेवा मुहैया कराने और इस क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है।


होगी लाइसेंस, स्पेक्ट्रम फीस की समीक्षा
दूरसंचार मंत्रालय द्वारा जारी की गई नीति के मसौदे में कर्ज के बोझ से दबे दूरसंचार क्षेत्र को उबारने की भी प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके लिए दूरसंचार कंपनियों की लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क, सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष के शुल्क की समीक्षा की जाएगी, क्योंकि इन सभी शुल्कों के चलते दूरसंचार सेवा की लागत बढ़ती है। साथ ही नई नीति के मसौदे में क्षेत्र में कारोबार सुगमता पर भी जोर दिया गया है। 

मिलेगी 50 एमबीपीएस की स्पीड
मसौदे के मुताबिक, हर नागरिक को 50 एमबीपीएस की ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने और 2020 तक देश के सभी ग्राम पंचायतों को एक जीबीपीएस तथा इसी अंतराल में 10 जीबीपीएस ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा गया है। मसौदे के अनुसार, देश के विकास के लिए नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के माध्यम से गति देने के लिए क्षेत्र में 2022 तक 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया जाएगा।







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